तेरापंथ धर्मसंघ आचार्य भिक्षु द्वारा स्थापित अध्यात्म प्रधान धर्मसंघ है, जिसकी स्थापना 29 जून 1760 को हुई थी। यह जैन धर्म की शाश्वत प्रवहमान धारा का युग-धर्म के रूप में स्थापित एक अर्वाचीन संगठन है, जिसका इतिहास लगभग 250 वर्ष पुराना है। प्रारम्भ में इस धर्मसंघ में तेरह साधु तथा तेरह ही श्रावक थे, इसलिए इसका नाम ‘तेरापंथ’ पड़ गया। संस्थापक आचार्य श्री भिक्षु ने उस नाम को स्वीकार करते हुए उसका अर्थ किया -‘हे प्रभो ! यह तेरापंथ है।
तेरापंथ जैन धर्म का एक अत्यंत तेजस्वी और सक्षम संप्रदाय है। आचार्य भिक्षु इसके प्रथम आचार्य थे। इसके बाद क्रमश: दस आचार्य हुए। इसे अनन्य ओजस्विता प्रदान की चतुर्थ आचार्य जयाचार्य ने और नए-नए आयामों से उन्नति के शिखर पर ले जाने का कार्य किया नौवें आचार्य श्री तुलसी ने। उन्होंने अनेक क्रांतिकारी कदम उठाकर इसे सभी जैन संप्रदायों में एक वर्चस्वी संप्रदाय बना दिया। दशवें आचार्य श्री महाप्रज्ञ ने इस धर्मसंघ को विश्व क्षितिज पर प्रतिष्ठित किया और ग्यारहवें आचार्य श्री महाश्रमण इसे व्यापक फलक प्रदान कर जन-मानस पर प्रतिष्ठित कर रहे हैं। तेरापंथ का अपना संगठन है, अपना अनुशासन है, अपनी मर्यादा है। इसके प्रति संघ के सभी सदस्य सर्वात्मना समर्पित हैं। साधु–साध्वियों की व्यवस्था का संपूर्ण प्रभार आचार्य के हाथ में होता है। आचार्य भिक्षु से लेकर आज तक सभी आचार्यों ने साधु–साध्वियों के लिए विविधमुखी मर्यादाओं का निर्माण किया है। चतुर्विध धर्मसंघ अर्थात साधु-साध्वियों व श्रावक-श्राविकाओं की चर्या ही इसकी प्राणवत्ता है।
महासभा के अध्यक्ष | वर्ष |
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कालूराम धाड़ेवा | 1913 |
रिधकरन सुराना | 1914-1918 |
तोलाराम सुराना | 1919-1924 |
रायचन्द सुराणा | 1925-1929 |
ईश्वरचन्द चैपड़ा | 1930, 1935, 1940 |
वृद्धिचन्द गोठी | 1931-1934, 1936-1939, 1941-1943 |
छोगमल चैपड़ा | 1944-1957 |
मदनचन्द गोठी | 1958 |
नेमचन्द गधैया | 1959-1960 |
जब्बरमल भंडारी | 1961-1963, 1967 |
मोहनलाल कठोतिया | 1964 |
श्रीचन्द रामपुरिया | 1965-1966 |
हनुमानमल बैंगानी | 1968-1969, 1971 |
हणूतमल सुराणा | 1970 (फरवरी-अप्रैल 1970 तक) |
मोहनलाल बांठिया | 1970 (मई 1970-जनवरी 1971 तक) |
रामचन्द्र सिंघी | 1972 |
सन्तोकचन्द बरड़िया | 1973 |
रतनलाल रामपुरिया | 1974, 1980 |
तोलाराम दूगड़ | 1979 |
उत्तमचन्द सेठिया | 1981 |
खेमचन्द सेठिया | 1982-1984 |
विजय सिंह सुराना | 1984-1986 |
कन्हैयालाल छाजेड़ | 1986-1996 |
महासभा के महामंत्री | वर्ष |
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केसरीचन्द कोठारी | 1913-1924 |
छोगमल चैपड़ा | 1925-1943 |
श्रीचन्द रामपुरिया | 1944-1955, 1967 |
मोहनलाल बांठिया | 1956-1959 |
खेमचन्द भूतोड़िया | 1960 |
जेठमल भंसाली | 1961-1963 |
खेमचन्द सेठिया | 1964-1966, 1968-1969, 1971 |
केवलचन्द नाहटा | 1970, 1980 |
गुलाबचन्द चंडालिया | 1972 |
कन्हैयालाल दूगड़ | 1973 |
श्रीचन्द डागा | 1974 |
हंसराज सेठिया | 1979 |
जंवरीमल बैंगानी | 1981 |
भंवरलाल बेगवानी | 1982-1984, 1986-1992 |
नवरतनमल सुराणा | 1984-1986 |
मूलचन्द डागा | 1992-1996 |
भंवरलाल सिंघी | 1996-2002, 2010-12 |
तरुण सेठिया | 2002-2008 |
बिनोद कुमार चोरड़िया | 2008-10, 2012-14 |
विनोद बैद | 2014-16, 2018-20, 2022-24 |
प्रफुल्ल बेताला | 2016-18 |
रमेश सुतरिया | 2020-22 |