प्रत्येक तेरापंथी परिवार की सार-संभाल और योगक्षेम की दृष्टि से महासभा संवाहकों द्वारा गांव-गांव, घर-घर की यात्रा की जा रही है। इस यात्रा के अंतर्गत जिस क्षेत्र में सभा नहीं है, वहां प्रवासित श्रावक समाज से आत्मीय संपर्क साधकर उनकी समस्याओं को समाहित करने और उन्हें संघीय गतिविधियों से सक्रिय रूप से जोड़ने का सघन प्रयास किया जा रहा है। यात्रा के दौरान महासभा संवाहक प्रत्येक तेरापंथी के घर में जाकर उनसे रूबरू होने का प्रयास करते हैं। हर तेरापंथी घर में परम पूज्य आचार्यप्रवर की मनमोहक तस्वीर भी उपहार स्वरूप दी जाती है। महासभा के इस महत्त्वपूर्ण आयाम से सकारात्मक और दूरगामी परिणाम देखने को मिल रहे हैं। महासभा संवाहकों के द्वारा अब तक देश के 18 राज्यों के 547 क्षेत्रों की यात्रा कर 2289 तेरापंथी परिवारों की सार-संभाल की गई है।