महासभा को तेरापंथ धर्मसंघ की प्रतिनिधि संस्था के रूप में गौरवपूर्ण प्रतिष्ठा प्राप्त है। तेरापंथ धर्मसंघ का प्रतिनिधित्व करने की दृष्टि से ही प्रसूत हुई महासभा अपने उदयकाल से ही इस दायित्व का निर्वहन बखूबी करती हुई धर्मसंघ की प्रभावना, सुरक्षा व विकास में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दे रही है। धर्मसंघ पर जब कभी कठिनाई की स्थितियों ने प्रहार करने की कोशिशें कीं, परम पूज्य आचार्यों के पावन आशीर्वाद से महासभा ने धर्मसंघ की ढाल बनकर अपने कुशल पराक्रम से उन कोशिशों को विफल कर दिया। प्रसंग चाहे बाल दीक्षा प्रतिबंधक बिल का हो या भिक्षावृत्ति निवारण विधेयक का, अग्नि परीक्षा प्रकरण का हो या संथारा प्रतिबंध का, महासभा ने सजगता, सक्रियता और तत्परता के साथ धर्मसंघ का सक्षम प्रतिनिधित्व करते हुए धर्मसंघ की गरिमा को सदैव अक्षुण्ण बनाए रखा। प्राकृतिक आपदाओं आदि के प्रसंगों में भी महासभा ने पीड़ित मानवजाति की सेवा कर तेरापंथ समाज के सामाजिक दायित्व को कुशलतापूर्वक निभाया। इस प्रकार महासभा तेरापंथ धर्मसंघ और संघपति की सेवा में सदैव प्राणप्रण से समर्पित रही है।