Jain Swetamber Terapanthi Mahasabha
  • Twitter
  • Facebook
  • Whatsapp
  • Instagram
  • Youtube
  • होम
  • परिचय
    • तेरापंथ
    • आचार्यश्री महाश्रमण
    • महासभा
  • सभा
  • उपसभा
  • आयाम
    • ज्ञानशाला
    • उपासक श्रेणी
    • तेरापंथ नेटवर्क
    • महाप्रज्ञ दर्शन
    • संस्कार निर्माण शिविर
  • टीम
    • पदाधिकारी
    • न्यास मंडल
    • पंचमण्डल
    • संरक्षक
    • आंचलिक प्रभारी
    • कार्यसमिति सदस्य
    • विभागीय संयोजक
  • संपर्क
  • तेरापंथी महासभा

    तेरापंथ समाज की सर्वोच्च संस्था है। यह समर्थ व सक्षम कंधों वाली संस्था है जो बड़ी से बड़ी जिम्मेदारियों का वहन कर सकती है। हमारे धर्मसंघ की संस्थाओं के संदर्भ में देखूं तो मैं यह कहना चाहूंगा कि यह महासभा "संस्था शिरोमणि" है।

    - आचार्य महाश्रमण

  • तेरापंथी महासभा

    के प्रति मेरे मन में बहुत ही आश्वासन, विश्वासन और निश्चिंतता है। हमारे आचार्यों का कृपाप्रसाद मानें और समाज का सौभाग्य मानें कि एक ऐसी संस्था समाज के पास है जो एक मजबूत संस्था है, निष्ठावान सस्था है, समर्पित भाव वाली संस्था है। ऐसी सस्था का होना समाज के लिए भी गौरव की बात है।

    - आचार्य महाश्रमण

  • तेरापंथी महासभा

    हमारे धर्मसंघ की अपेक्षित, आवश्यक और अनिवार्य प्रवृत्तियों में दायित्व के साथ काम करती रही है और कर रही है। धर्मसंघ की संगठन मूलक संस्थाओं में पहला और प्रमुख स्थान महासभा का है। इस संस्था ने तेरापंथ के हितों की रक्षा के लिए पूर्ण समर्पण के साथ कार्य किया है।

    - आचार्य महाप्रज्ञ

  • तेरापंथी महासभा

    को मैं तेरापंथ समाज की मां और प्रतिनिधि संस्था के रूप में देखता हूं। इसकी नींव बहुत गहरी और मजबूत है, तभी यह सौ वर्षों से ज्यादा समय होने के बाद भी जीवन्त बनी हुई है। सामाजिक दृष्टि से तेरापंथी महासभा जैसी संस्था की छत्रछाया मिलना समाज का सौभाग्य है।

    - आचार्य महाश्रमण

जैन श्वेतांबर तेरापंथी महासभा

जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ एक मर्यादित, अनुशासित एवं सुसंगठित धर्मसंघ है। तेरापंथ के आद्य अनुशास्ता आचार्यश्री भिक्षु ने जिनवाणीयुक्त आगमों को आधार मानकर चारित्रिक विशुद्धि की नींव पर तेरापंथ का शिलान्यास किया। तेरापंथ की गौरवशाली आचार्य परंपरा ने अपने साधनाबल, तपोबल और प्रज्ञाबल से अपने-अपने आचार्यकाल में सबल और युगानुरूप आध्यात्मिक नेतृत्व प्रदान कर धर्मसंघ को आध्यात्मिक ऊंचाई और तेजस्विता प्रदान की। तपःपूत आचार्यों की पावन छत्रछाया और अनुशासना में त्यागी, तत्त्वज्ञ एवं प्रबुद्ध साधु-साध्वियों की लंबी शृंखला ने अपनी श्रम बूंदों से तेरापंथ के वटवृक्ष को अभिसिंचित किया। ‘‘एक गुरु और एक विधान’’ के पर्याय तेरापंथ धर्मसंघ की विकास यात्रा में श्रावक समाज की भूमिका भी महनीय रही है। संघ और संघपति के प्रति सर्वात्मना समर्पित, श्रावक समाज ने भी संघ की श्रीवृद्धि में अपने दूरदर्शी चिंतन और निष्ठायुक्त पुरुषार्थ से अपना अमूल्य योगदान दिया है। 28 अक्टूबर 1913 को जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा की स्थापना के साथ निष्ठाशील और सर्वात्मना समर्पित श्रावक समाज को संगठित रूप में विशिष्ट और संवैधानिक पहचान मिली।

जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा तेरापंथ समाज की ‘संस्था शिरोमणि,’ प्रतिनिधि संस्था एवं ‘मां’ के रूप में विख्यात है। समाज की इस गौरवपूर्ण संस्था के द्वारा समाजोत्थान हेतु अनेकानेक आध्यात्मिक और सामाजिक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। एक सदी से भी अधिक आयु वाली धर्मसंघ की इस सर्वाधिक प्राचीन संस्था ने समाज के योगक्षेम हेतु विकास के नए-नए क्षितिज उद्घाटित किए, अपने आयामों से समाज को नई पहचान दी और संघ व संघपति के प्रति सदा सर्वात्मना समर्पित रहकर धर्मसंघ की सुरक्षा और उन्नति में अपना निष्ठापूर्ण, उल्लेखनीय और अविस्मरणीय योगदान दिया। इन उपलब्धियों की शृंखला प्रलम्ब है, जिन्हें महासभा ने परम पूज्य आचार्यों के आशीर्वाद और अपने प्रबल पुरुषार्थ से प्राप्त किया।

611

तेरापंथी सभा


101

तेरापंथी उपसभा

महत्वपूर्ण गतिविधियां

  • ज्ञानशाला
    540
    ज्ञानशाला
    18859
    ज्ञानार्थी
    4045
    प्रशिक्षक
    Read More
  • उपासक श्रेणी

    चारित्रात्माओं, समणश्रेणी एवं मुमुक्षुश्रेणी की सीमित संख्या के कारण सुदूर क्षेत्रों में फैल..

    Read More
  • तेरापंथ नेटवर्क

    संपूर्ण तेरापंथ समाज के योगक्षेम एवं सामाजिक सार-संभाल का दायित्व महासभा का है। प्रत्येक तेरा..

    Read More
  • महाप्रज्ञ दर्शन

    महासभा द्वारा तेरापंथ के दशमाधिशास्ता आचार्यश्री महाप्रज्ञजी के समाधि स्थल का भव्य निर्माण क..

    Read More
  • संस्कार निर्माण शिविर

    महासभा द्वारा संचालित प्रवृत्तियों में उपासक श्रेणी का निर्माण एक प्रमुख कार्य है। तेरापंथ स..

    Read More
  • महासभा अक्षय निधि कोष
  • आयकर अधिनियम के अंतर्गत छूट
  • सभा मूल्यांकन पुरस्कार
  • समाज सेवा पुरस्कार
  • समाज भूषण अलंकरण
  • संबोधन अलंकरण समारोह
  • विज्ञप्ति
  • साहित्य प्रकाशन
  • अभ्युदय भवन
  • महासभा भवन
  • तेरापंथ भवन निर्माण परियोजना
  • तेरापंथ स्मारक
  • आचार्य महाप्रज्ञ समाधि स्थल
  • माइनाॅरिटी विभाग
  • तेरापंथ वरिष्ठ नागरिक विभाग
  • बेटी तेरापंथ की
  • कला एवं संस्कृति विभाग
  • तेरापंथ एन.आर.आई. प्रकोष्ठ
  • शिविर कार्यालय
  • आयोजन
  • केंद्रीय संस्थाओं की जन्मदात्री
  • महासभा आपके द्वार
  • तेरापंथ धर्मसंघ का प्रतिनिधित्व
  • संघीय संस्थाओं और गतिविधियों में सहयोग
  • जैन भारती
  • भिक्षु ग्रंथागार
  • अभ्युदय
  • तेरापंथी उपसभा
  • तेरापंथी सभा

तेरापंथ विश्व भारती

जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के जनकल्याणकारी अवदानों के प्रभावक रूप में सुचारू और सुव्यवस्थित संचालन की दृष्टि से एक ऐसे परिसर की परिकल्पना की गई, जिससे धर्मसंघ की विश्वव्यापी पहचान में अभिवृद्धि हो। जहां पहुंचकर न केवल भारतीय लोग, अपितु विदेशी लोग भी जैन धर्म और तेरापंथ को सुगमता और गहराई के साथ समझ सकें तथा उनके अवदानों से लाभान्वित हो सकें।

तेरापंथ विश्व भारती नामक इस प्रस्तावित विशाल परिसर को धर्मसंघ की कल्याण परिषद् ने स्वीकृति प्रदान करते हुए इसे क्रियान्वित करने का महनीय दायित्व जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा को सौंपा। इस अतिमहत्त्वपूर्ण विशाल परिसर का निर्माण भारत की राजधानी दिल्ली में 50 एकड़ भूमि पर किया जाना प्रस्तावित है।

इस विशाल परिसर में तेरापंथ भवन, इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर, तेरापंथ संग्रहालय एवं चित्रदीर्घा, केंद्रीय संस्थाओं के कार्यालय, अंतर्राष्ट्रीय आवासीय शिक्षण संस्थान, अंतर्राष्ट्रीय ध्यान केंद्र, पुस्तकालय-वाचनालय, साहित्य विक्रय केन्द्र, पंडाल, सामाजिक कार्यक्रम स्थल, सुपर मार्केट आदि का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है।

इस ट्रस्ट में अब तक 100 से अधिक लोगों ने संस्थापक ट्रस्टी बनने की स्वीकृति प्रदान की है। इस ट्रस्ट को आयकर अधिनियम के अंतर्गत 80 G प्राप्त हो चुकी है।

Jain Vishva Bharati Institute (Deemed University) Video Documentary

आचार्य महाप्रज्ञ समाधि स्थल

Amazing Museum. Mahapragya Darshan  at Acharya Mahapragya Samadhi sthal, Sardarshahar

महासभा द्वारा तेरापंथ के दशमाधिशास्ता आचार्यश्री महाप्रज्ञजी के समाधि स्थल का भव्य निर्माण करवाया गया। 13 दिसम्बर 2013 को परम पूज्य आचार्यश्री महाश्रमणजी के पावन सान्निध्य में इस भव्य स्मारक का लोकार्पण हुआ। आचार्यप्रवर ने इसे ‘अध्यात्म का शांतिपीठ’ के रूप में प्रतिष्ठित किया। समाधि स्थल पर बीस वातानुकूलित कमरों से युक्त अतिथिगृह, भोजनशाला, ध्यान केन्द्र, चित्र दीर्घा, पुस्तकालय, प्रशासनिक कार्यालय आदि व्यवस्थाओं का सृजन भी किया गया है। संपूर्ण समाधि स्थल परिसर को सड़क, पानी, बिजली, सुरक्षा, पार्किंग आदि व्यवस्थाओं के साथ युगानुकूल संसाधनों से सुसज्जित किया गया है। प्रतिवर्ष महासभा द्वारा आचार्यश्री महाप्रज्ञजी की पुण्यतिथि (वैशाख कृष्णा एकादशी) पर धम्म जागरण, चिकित्सा शिविर एवं विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है।

आगामी आयोजन

  • 13
    Aug'22
    सभा प्रतिनिधि सम्मेलन
    13 Aug 22 to 15 Aug 22
    छापर

महत्वपूर्ण उपलब्धियां

न्यूज़

  • शासनमाता साध्वीप्रमुखाश्री कनकप्रभाजी का महाप्रयाण
    Mar 18, 22
  • Ahimsa Yatra - Press Release
    Feb 05, 21

विडियो गैलेरी

  • Acharya Mahashraman introduction

फोटो गैलरी

  • 10
  • 8
  • JC-4713
  • R-2
  • _DSC2049
  • g-2 (1)

Get in Touch

  • 3, Portuguese Church Street,
    Kolkata - 700001
  • info@jstmahasabha.org
  • (033) 2235 7956, (033) 2234 3598
Twitter Facebook Whatsapp Instagram Youtube

Contact Us

Quick Links

  • Events
  • History
  • Downloads
  • Archives
  • News
  • Photos
  • Videos
  • Patrika
  • Terms & Conditions
  • Privacy Policy
  • Refund Policy

© Jain Shwetambar Terapanth Mahasabha. Powered by Convergence Services